The Basic Principles Of piles treatment cost
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दिनभर खूब पानी पिएं और कैफीन या शराब जैसी चीजों से बचें, क्योंकि ये शरीर को डिहाइड्रेट करती हैं.
अनाज: जौ, चोकर युक्त आटा, और ब्राउन राइस फाइबर का अच्छा स्रोत हैं।
सक्रिय जीवनशैली : नियमित व्यायाम भी कब्ज को रोकने और रक्त प्रवाह में सुधार करने में मदद कर सकता है, जिससे बवासीर को बढ़ाने से रोका जा सकता है।
बाबासीर के दवाई विभिन्न प्रकार की होती हैं और उनका काम विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है। जलवायु नियंत्रक (वसोप्रेसिन) दवाएँ: ये दवाएँ रक्तदाब को कम करके बाबासीर के दर्द और सूजन को कम कर सकती हैं। जलवायु नियंत्रक-निषेचक (डायरेटिक्स) दवाएँ: ये बवासीर के उपचार में आमतौर पर उपयोग की जाती हैं और शारीरिक तरीके से शांति दिलाती हैं।
बवासीर के कारण होने वाली क्या दूसरी बीमारियां होती हैं?
पुष्कर में न्यू ईयर पर विशेष आयोजन और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं.
अगर समस्या गंभीर हो तो डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी है, लेकिन शुरुआती या read more हल्के मामलों में कुछ घरेलू नुस्खे बहुत राहत दे सकते हैं.
बादी बवासीर में पेट की समस्या अधिक रहती है। कब्ज एवं गैस की समस्या बनी ही रहती है। इसके मस्सों में रक्तस्राव नहीं होता। यह मस्से बाहर आसानी से देखे जा सकते हैं। इनमें बार-बार खुजली एवं जलन होती है। शुरुआती अवस्था में यह तकलीफ नहीं देते, लेकिन लगातार अस्वस्थ खान-पान और कब्ज रहने से यह फूल जाते हैं। इनमें खून जमा हो जाता है, और सूजन हो जाती है।
गेहूं, ब्राउन राइस, दलिया, चोकर आदि जैसे आहार फाइबर में उच्च खाद्य पदार्थों का सेवन करने से मल को नरम रखने में मदद मिल सकती है और मलत्याग को आसान बना सकता है
मल त्याग के दौरान खून आना इसका मुख्य लक्षण है।
सामान्य तौर पर, पढ़ने सहित, कमोड पर अत्यधिक समय व्यतीत करने को हतोत्साहित किया जाना चाहिए।
जनरल सर्जन - गुदा रोग विशेषज्ञ (प्रोक्टोलॉजिस्ट)
मस्सों को छुए या दबाएं नहीं, नियमित रूप से सफाई करें।
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